📘 कंप्यूटर भाषा (Computer Language) – हिंदी नोट्स
1. परिचय
कंप्यूटर आज के युग का सबसे शक्तिशाली और उपयोगी उपकरण है। यह एक ऐसी मशीन है, जो हमारे द्वारा दिए गए निर्देशों (Instructions) को स्वीकार करके तर्कपूर्ण (Logical) और गणनात्मक (Computational) कार्यों को अंजाम देता है। लेकिन कंप्यूटर स्वयं किसी भी उच्च स्तरीय भाषा या हमारी सामान्य बोलचाल की भाषा को सीधे नहीं समझता। यह केवल बाइनरी प्रणाली (Binary System) अर्थात् 0 और 1 को ही समझने में सक्षम है।
इसीलिए मनुष्य और कंप्यूटर के बीच संवाद (Communication) स्थापित करने के लिए विभिन्न प्रकार की कंप्यूटर भाषाओं का विकास किया गया। इन भाषाओं की मदद से प्रोग्रामर कंप्यूटर को निर्देश देता है और कंप्यूटर उन निर्देशों का पालन करता है।
संक्षेप में कहा जाए तो,
“कंप्यूटर भाषा वह माध्यम है जिसके द्वारा हम अपने विचारों, तर्कों और आदेशों को कंप्यूटर तक पहुँचा सकते हैं।”
2. कंप्यूटर भाषा की आवश्यकता
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कंप्यूटर केवल मशीन भाषा (0 और 1) समझता है।
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मनुष्य के लिए मशीन भाषा में प्रोग्राम लिखना बहुत कठिन और समय लेने वाला कार्य है।
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त्रुटियों (Errors) की संभावना अधिक रहती है।
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बड़े प्रोग्राम को मशीन भाषा में लिखना लगभग असंभव है।
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इसी समस्या का समाधान करने के लिए उच्च स्तरीय भाषाओं (High Level Languages) का विकास किया गया।
3. कंप्यूटर भाषा के मुख्य प्रकार
कंप्यूटर भाषाओं को सामान्यतः तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है –
(A) मशीन भाषा (Machine Language)
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इसे प्रथम पीढ़ी की भाषा भी कहा जाता है।
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इसमें सभी निर्देश केवल 0 और 1 के रूप में लिखे जाते हैं।
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यह सबसे तेज़ होती है क्योंकि कंप्यूटर सीधे इसे समझ लेता है।
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लाभ:
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कंप्यूटर द्वारा सीधे समझी जाती है।
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अनुवादक प्रोग्राम की आवश्यकता नहीं।
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हानि:
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समझने और लिखने में अत्यंत कठिन।
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प्रोग्राम लंबा और जटिल हो जाता है।
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त्रुटि ढूँढना और सुधारना कठिन।
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(B) असेंबली भाषा (Assembly Language)
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इसे द्वितीय पीढ़ी की भाषा कहा जाता है।
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इसमें निर्देश लिखने के लिए Mnemonic Codes (जैसे ADD, SUB, MOV आदि) का प्रयोग किया जाता है।
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कंप्यूटर तक पहुँचाने के लिए Assembler नामक अनुवादक का प्रयोग किया जाता है।
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लाभ:
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मशीन भाषा की तुलना में सरल।
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याद रखना अपेक्षाकृत आसान।
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हानि:
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मशीन-निर्भर (Machine Dependent) होती है।
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फिर भी प्रोग्रामिंग जटिल रहती है।
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(C) उच्च स्तरीय भाषा (High Level Language – HLL)
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इसे तृतीय पीढ़ी की भाषा कहा जाता है।
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यह मानव भाषा (जैसे English) के बहुत करीब होती है।
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इसे कंप्यूटर समझ सके इसके लिए Compiler या Interpreter का उपयोग किया जाता है।
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उदाहरण: C, C++, Java, Python, COBOL, FORTRAN आदि।
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लाभ:
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सीखने और प्रयोग करने में सरल।
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मशीन-स्वतंत्र (Machine Independent)।
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त्रुटि पहचानना और सुधारना आसान।
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हानि:
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Compiler/Interpreter की आवश्यकता।
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मशीन भाषा की तुलना में गति थोड़ी धीमी।
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4. अनुवादक प्रोग्राम (Language Translators)
चूँकि कंप्यूटर केवल मशीन भाषा समझता है, इसलिए उच्च स्तरीय और असेंबली भाषाओं को मशीन भाषा में बदलने के लिए विशेष प्रोग्रामों की आवश्यकता होती है। इन्हें Language Translators कहा जाता है।
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Assembler
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असेंबली भाषा को मशीन भाषा में बदलता है।
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Compiler
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पूरे प्रोग्राम को एक साथ मशीन भाषा में परिवर्तित करता है।
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त्रुटियों की सूची अंत में देता है।
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Interpreter
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प्रोग्राम को लाइन-दर-लाइन मशीन भाषा में बदलता है।
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त्रुटि उसी समय दिखाता है।
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5. कंप्यूटर भाषाओं की पीढ़ियाँ (Generations of Computer Languages)
(1) प्रथम पीढ़ी (First Generation – 1940s)
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केवल मशीन भाषा का उपयोग।
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सभी निर्देश 0 और 1 में।
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प्रोग्रामिंग कठिन और त्रुटिपूर्ण।
(2) द्वितीय पीढ़ी (Second Generation – 1950s)
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असेंबली भाषा का विकास।
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Mnemonics के प्रयोग से प्रोग्रामिंग आसान हुई।
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Assembler की आवश्यकता।
(3) तृतीय पीढ़ी (Third Generation – 1960s)
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उच्च स्तरीय भाषाओं का विकास।
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COBOL, FORTRAN, BASIC, C आदि।
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Compiler और Interpreter का उपयोग।
(4) चतुर्थ पीढ़ी (Fourth Generation – 1970s-1980s)
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Database आधारित भाषाएँ।
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SQL, Oracle, FoxPro आदि।
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प्रोग्रामिंग और सरल हुई।
(5) पंचम पीढ़ी (Fifth Generation – 1990s onwards)
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Artificial Intelligence (AI) आधारित भाषाएँ।
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Prolog, LISP, Python (AI libraries)।
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Machine Learning और Expert Systems में उपयोग।
6. विभिन्न कंप्यूटर भाषाओं के उदाहरण
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प्रारंभिक भाषाएँ – FORTRAN (Scientific work), COBOL (Business work)।
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सामान्य प्रयोजन भाषाएँ – C, C++ (System software, Applications)।
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ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड भाषाएँ – Java, C#, Python।
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स्क्रिप्टिंग भाषाएँ – JavaScript, PHP, Perl।
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डेटाबेस भाषाएँ – SQL, PL/SQL।
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AI भाषाएँ – Prolog, LISP, R, Python।
7. आधुनिक समय में कंप्यूटर भाषाओं का महत्व
आज के युग में कंप्यूटर भाषाओं का उपयोग केवल वैज्ञानिक गणनाओं तक सीमित नहीं है।
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शिक्षा, व्यापार, बैंकिंग, इंजीनियरिंग, चिकित्सा, संचार, इंटरनेट, मोबाइल ऐप्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और रोबोटिक्स में कंप्यूटर भाषाएँ आधारभूत भूमिका निभाती हैं।
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उदाहरण के लिए – Python आज डेटा साइंस और AI के क्षेत्र में सबसे लोकप्रिय भाषा है।
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Java और JavaScript वेब विकास में, जबकि SQL डेटाबेस प्रबंधन में अहम भूमिका निभाती हैं।
8. निष्कर्ष
कंप्यूटर भाषाओं ने मनुष्य और मशीन के बीच संवाद को सरल और प्रभावी बना दिया है।
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मशीन भाषा ने शुरुआत की, लेकिन वह कठिन थी।
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असेंबली भाषा ने कुछ सरलता दी।
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उच्च स्तरीय भाषाओं ने प्रोग्रामिंग को मानव-हितैषी (User Friendly) बना दिया।
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आज हम चतुर्थ और पंचम पीढ़ी की भाषाओं का उपयोग कर रहे हैं, जिनसे जटिल समस्याओं का समाधान भी सरल हो गया है।
इस प्रकार कहा जा सकता है कि –
“कंप्यूटर भाषा ही वह पुल है, जो मनुष्य के विचारों और कंप्यूटर की गणनाओं को जोड़ता है।
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